मनुष्य की कारयित्री प्रतिभा (क्रियाशीलता) तथा भावयित्री प्रतिभा (चिन्तनशीलता) को निखारने की सतत् प्रक्रिया ही तपस्या है और यदि तपस्या किसी विशिष्ट तपस्थली में अथवा उसके सामीप्य में हो तो शीघ्र और हितकर फलदायिनी होती है। पावन नैमिषारण्य ऐसी ही विशिष्ट तपस्या-भूमि के रूप में प्रसिद्ध है जो साधना में रत सुपात्रों को अति शीघ्र सिद्धि प्रदान करता है - "तीरथ वर नैमिष विख्याता, अति पुनीत साधक सिधि दाता"। सीतापुर जनपद के इसी पावन तीर्थांचल में स्थित है यह 'राजकीय महाविद्यालय'। यह महाविद्यालय कुचलाई ग्राम के दक्षिण पार्श्व में स्थापित है। लगभग साढ़े चार हजार जनसंख्या का यह ग्राम शिक्षा के केन्द्र (Education Hub) के रूप मे विकसित हो रहा है जहाँ प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक के शिक्षण-संस्थान वर्तमान हैं। कुचलाई ग्राम को अपने नाम में समाहित किए हुए यह महाविद्यालय इस ग्रामीण परिक्षेत्र में उच्च शिक्षा के प्रकाश-स्तम्भ की भाँति अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन कर रहा है।
राजकीय महाविद्यालय, कुचलाई, उत्तर प्रदेश के सीतापुर जनपद में सिधौली तहसील-मुख्यालय से मिश्रिख - नैमिषारण्य को जाने वाले राजमार्ग पर 12 किमी.पर गोपालपुर भट्ठा नामक चौराहे के उत्तर तरफ है । राजमार्ग से महाविद्यालय की दूरी मात्र 1 किमी. है । सिधौली,मिश्रिख,सन्दना आदि निकटवर्ती कस्बों से गोपालपुर के लिए परिवहन-सुविधाएँ लगातार उपलब्ध हैं । चौराहे से महाविद्यालय तक पैदल अथवा ई-रिक्शा से पहुँचा जा सकता है ।तीन ओर से आम,कटहल,अमरूद, यूकेलिप्टस,सागौन आदि के बागों तथा एक ओर से हरे-भरे खेतों के बीच शीतल-निर्मल जल से भरी रहने वाली नहर से सटकर बना हुआ यह महाविद्यालय अपने सुन्दर,स्वच्छ एवं मनोरम प्राकृतिक परिवेश से पुराने गुरुकुलों के आधुनिक स्वरूप को प्रत्यक्ष करता हुआ लगता है ।यह कहने की आवश्यकता नहीं कि सुन्दर-स्वच्छ पर्यावरण अध्ययन-अध्यापन जैसी गहन मानसिक संक्रिया के लिए कितना महत्वपूर्ण है ।
राजकीय महाविद्यालय कुचलाई भारत सरकार के' उच्च शिक्षा अभियान'(RUSA) के अन्तर्गत संचालित है ।महाविद्यालय का लोकार्पण 3 फरवरी 2019 को भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी के कर-कमलों से आनलाइन सम्पन्न हुआ था । यह महाविद्यालय छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर से सम्बद्ध है । वर्तमान में इस महाविद्यालय में कला संकाय के अन्तर्गत सात विषयों - हिन्दी, अंग्रेजी, इतिहास, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, गृहविज्ञान तथा मनोविज्ञान और वाणिज्य संकाय के अन्तर्गत निर्धारित विषयों की कक्षाएँ संचालित हो रही हैं । विज्ञान संकाय के अन्तर्गत भौतिकी, रसायन शास्त्र, गणित, जन्तु विज्ञान तथा वनस्पति विज्ञान विषयों की सम्बद्धता की प्रक्रिया चल रही है । आशा है कि यह प्रक्रिया शीघ्र सम्पन्न हो जाएगी और इन विषयों का अध्यापन भी आरम्भ हो जाएगा ।
तरुण वय के छात्र-छात्राओं पर ही देश का सृजनशील भविष्य निर्भर करता है। अतः आवश्यक है कि छात्र-छात्राओं का सर्वांगीण विकास हो। उच्च शिक्षा- संस्थान मनुष्य की प्रतिभा को निखारने, विकसित करने और सही दिशा देने के सर्वाधिक उपयुक्त मंच हैं । इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए हमारा महाविद्यालय परिवार जनतांत्रिक मूल्यों के प्रति पूर्ण निष्ठावान होकर इस दिशा में सदैल प्रयासरत रहता है कि महाविद्यालय आधुनिक ज्ञान-विज्ञान के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ सार्वभौम- समाजोपयोगी मानव-मूल्यों को भी पुनर्प्रतिष्ठित करके समाज में एक आदर्श प्रस्तुत कर सके ।महाविद्यालय की समस्त गतिविधियों के संचालक के रूप में हम सभी प्राध्यापक गुणवत्तापूर्ण शिक्षण तथा अन्य उपयोगी पाठ्यसहगामी क्रिया-कलापों के माध्यम से एक सुखद,स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण से परिपूर्ण राष्ट्र के निर्माण के लिए संकल्पबद्ध हैं जिससे हम भावी पीढ़ी के लिए सार्थक दायित्ववाहक एवं मार्गदर्शक होने का श्रेय प्राप्त कर सकें ।हम यहाँ अध्ययनरत छात्र-छात्राओं से भी यह अपेक्षा करते हैं कि वे महाविद्यालय में अनुशासित रहते हुए यहाँ से ज्ञान की पूँजी का अधिकाधिक अर्जन करें जिससे कि वे परिवार, समाज और देश को सुव्यवस्थित और सुसमृद्ध बनाने में सम्यक योगदान कर सकें।